अभी अन्तराष्ट्रीय मीडिया में रूस और यूक्रेन के विवाद को लेकर बड़ी तेज हलचल है। रूस का यूक्रेन पर हमले के बड़े तेज आसार है। इसलिए यह चिंता की बात है कि अगर इन दोनों देशों में युद्ध होता है तो दुनिया की हालत क्या हो सकती है क्योंकि इस तनाव में यूरोपीय देश भी शामिल है।
रूस-यूक्रेन विवाद में यूरोप और अमेरिका क्यों शामिल हैं ?
पहले यह समझना होगा कि रूस और यूक्रेन विवाद में अमेरिका और यूरोपीय देश इतना हस्तक्षेप क्यों कर रहे हैं। यूक्रेन नाटो की सेना के द्वारा ही नियंत्रित होती है। यूक्रेन की सेना को नाटो का भरपूर समर्थन प्राप्त है। यूक्रेन अपनी सीमा में फैले रूस समर्थित अलगाववाद से नाटो की सैन्य क्षमता के सहारे ही मुकाबला करती आ रही है। इसलिए रूस और यूक्रेन विवाद में यूरोपीय देशों की भागीदारी है।
सोवियत संघ के विघटन के बाद से ही यूक्रेन के झुकना नाटो देशों यानी यूरोपीय देशों की ओर रहा है। अमेरिका यूक्रेन को इसलिए समर्थन करता है ताकि रूस के सटे सीमा पर उसकी पकड़ कायम रहे।
रूस यूक्रेन संघर्ष में अबतक लाखों की संख्या में यूक्रेन निवासियों का जीवन तबाह हो चुका है। एक अनुमान के अनुसार इस विवाद में अबतक 13,000 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 10 लाख लोग बेघर हो चुके हैं।
आखिर रूस-यूक्रेन विवाद का क्या कारण है ?
जोसेफ स्टालिन (Joseph Stalin) की मृत्यु के बाद निकिता ख्रुश्चेव (Nikita Khrushchev) के हाथों में सोवियत संघ की कमान आई। इन्होंने क्रीमिया का स्वामित्व यूक्रेन को सौंप दिया। यह बात साल 1954 की है। उस वक़्त रूस और यूक्रेन दोनों सोवियत संघ के ही भाग थे कही भी इसका विरोध नहीं हुआ। फिर 1991 में सोवियत संघ का पतन हुआ। रूस यूक्रेन सब स्वतंत्र देश बने। क्रीमिया में ज्यादातर लोग सांस्कृतिक तौर पर रूसी संस्कृति के नजदीक है। यहां के ज्यादातर हिस्सों में रूसी भाषा ही बोली जाती है। सोवियत संघ के पतन के बाद क्रीमिया के लोग यूक्रेन के बजाए रूस में विलय चाहते थे। शुरुआती काल में में पुतिन ने इस बात को महत्व नहीं दिया। लेकिन
जब यूक्रेन का झुकाव नाटो और यूरोपीय देशों की ओर होने लगा तो रूस को यह बात खलने लगी।
क्रीमिया मसले में रूस की सैन्य दखलंदाजी बढ़ने लगी। क्रीमिया पर रूस का कब्जा हो गया। फिर इस तरह यह मसला अंतर्राष्ट्रीय विवाद का वजह बन गया। रूस ने दक्षणी यूक्रेन के क्रीमिया पर हमला कर दिया। इसके ठीक एक महीने बाद रूसी समर्थक अलगाववादी ने डोनवास क्षेत्र पर कब्जा किया।
यूक्रेन तथा यूरोप का रूस पर आरोप लगाते हैं कि यूक्रेन में अलगाववादी सक्रियता को रूसी सैन्य सहायता मिल रही है। हालांकि रूस सार्वजनिक तौर पर इस आरोप को इनकार करता रहा है। परिणामस्वरूप रूस और यूक्रेन के बीच सामरिक युद्ध होते रहे है। अकेले डोनवास क्षेत्र के 5 लाख लोग बेघर हुए हैं। इनमें से कुछ यूक्रेन के शरणागत बने तो कुछ रूस के। रूस ने लगभग 2 लाख से अधिक लोगों के लिए रूसी पार्सपोर्ट भी जारी किया है।
यूरोपीय देशों ने क्रीमिया पर रूस के कब्जे का जबरदस्त विरोध है। जिसके कारण ऐसा लगता है कि इस विवाद के कारण रूस, यूक्रेन सहित यूरोपीय देशों के बीच युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।(रूस-यूक्रेन)
Cartoonist Irfan
Cartoonist Irfan