चाँद डिनर पर बैठा है: एक संक्षिप्त विश्लेषण
स्वप्निल तिवारी की कविताओं का यह संग्रह “चाँद डिनर पर बैठा है” पढ़कर मन प्रसन्न हो गया। इनकी ग़ज़लों में शायरी का सौन्दर्य इतने ऊँचे स्तर पर है कि पाठक को ऐसा लगता है जैसे वह चाँद के साथ रात का खाना खा रहा है। चंद्रमा एक प्राकृतिक घटना है, और सोपानल तिवारी की कविता …