वैम्पायर चमगादड़ को झुंड में रहने की आदत हैं। ये दिन के उजालों में पेड़ों तथा अन्य जगहों पर छिपे रहते हैं। रात के वक्त ये चमगादड़ का खून की तलाश में निकलते हैं। प्रायः ये जानवरों का खून पीते हैं। ये छोटे चमगादड़ अपने शिकार के लिए आते हैं। और चुपचाप अपनी छोटी सुई की तरह दिखने वाली अपनी दांत से जानवर की त्वचा छेद कर लगभग 20 मिनट तक खून पीते हैं। वैम्पायर चमगादड़ भले ही जानवरों का खून पीते हो लेकिन उन में सामुदायिक भावना भी होती है। अगर किसी चमगादड़ को 4-5 दिन तक खून न मिले तो वह मर जाता है। ऐसे में उसके साथी उसकी भूख मिटाने में मदद करता हैं, उसे मरने से बचाते हैं। वैम्पायर चमगादड़ खून को अपने पेट में जमा कर रखते है। अगर उनका कोई साथी भूखा हो तो वो अपने पेट में स्टोर खून में से कुछ खून अपने भूखे साथी के मुंह में दे सकता है। कोई भी चमगादड़ अपने साथी चमगादड़ के आवाज से यह पहचान लेता है कि उसे भूख लगी हैं या नहीं।
वैम्पायर चमगादड़ का Reciprocal Altruism
लेकिन इससे भी अधिक आश्चर्य की बात यह है कि खून लेने वाला चमगादड़ खून देने वाले चमगादड़ की मदद को हमेशा याद रखता है और वह समय आने पर उसके भूखे होने पर खून देकर उसकी मदद करता है। दरअसल, जानवरों में एक दूसरे की मदद करने की यह आदत बहुत ही कम होता है। जानवरों के इस व्यवहार को “Reciprocal Altruism” कहा जाता है।
वैम्पायर बैट चमगादड़ की एक छोटी प्रजाति है, जो मध्य और दक्षिण अमेरिका के उष्ण कटिबंध के क्षेत्रों में पाया जाता है। वैम्पायर बैट की तीन उप-प्रजातियां पाई जाती हैं। कॉमन वैम्पायर बैट, हेरी-लेग्ड वैम्पायर बैट और व्हाइट-विंग्ड वैम्पायर बैट हैं और इन तीनो प्रजातियों में काफी कुछ समान होता है। जैसे इनके भोजन की आदतें। चमगादड़ एकमात्र ऐसा स्तनधारी हैं जिसका आहार केवल खून ही हैं। वैम्पायर बैट्स अपने भोजन की तलाश के लिए पूरी तरह से अनुकूलित हो चुका है। उनकी नाक के अंत में पत्ती की तरह एक संवेदक होता है जिससे वह यह पता लगा लेता है कि त्वचा के सबसे करीब गर्म रक्त कहाँ बह रहा है।
वैम्पायर बैट क्या है?
वैम्पायर बैट का आकार काफी छोटा होता है। इसका आकार इंसान के अंगूठे के आकार से बड़ा होता है। इसके पंख लंबे, उंगली जैसी हड्डियाँ होती हैं जो त्वचा की एक पतली परत में ढकी होती हैं, एक अंगूठे के पंजे के साथ जो सामने से बाहर की ओर निकलता है जिससे किसी जानवर पर चढ़ते समय पकड़ के लिए उपयोग करता है। वैम्पायर बैट का रंग गहरे भूरे रंग का होता हैं। अन्य चमगादड़ों की तरह, वैम्पायर चमगादड़ अपने परिवेश को निर्धारित करने के लिए इकोलोकेशन का उपयोग करते हैं। उड़ते समय उच्च-ध्वनि उत्पन्न करता है। जिसके परिणाम स्वरूप बाउंस-बैक ध्वनि पैदा होता है जिससे आसपास के चीजो का अनुमान लग जाता हैं।
वैम्पायर बैट मैक्सिको से लेकर अर्जेंटीना तक पूरे दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप में पाया जाता है। वैम्पायर चमगादड़ उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय दोनों क्षेत्रों में पाए जाते हैं और आर्द्र और शुष्क जलवायु दोनों में रहने के लिए अनुकूल हो सकते हैं। चमगादड़ निशाचर होते हैं। दिन के उजाले में खोखले पेड़ों, गुफाओं, खानों और खण्डहरों में रहता है।
हालांकि अन्य चमगादड़ प्रजातियों को वैम्पायर चमगादड़ के समान स्थानों पर घोंसला बनाने के लिए जाना जाता है, ऐसा माना जाता है कि अलग-अलग प्रजातियां संघर्ष से बचने के लिए एक दूसरे से दूरी बनाए रखती हैं।
वैम्पायर चमगादड़ कब निकलते हैं?
पूरे दिन अंधेरे में उल्टा सोने के बाद, भोजन की तलाश में चंद्रमा के प्रकट होने पर वैम्पायर चमगादड़ निकलते हैं। उनमें उड़ने की बहुत शक्ति होती है। साथ ही उनके हाथों और पैरों के डिजाइन के कारण जमीन पर बहुत ही सावधानी से घूम भी सकते हैं। वैम्पायर चमगादड़ को गर्म खून पीने की आदत है । वह इसी तलाश में जमीन से लगभग एक मीटर ऊपर उड़ते हैं, और एक बार मिल जाने के बाद वे उसके करीब पहुंच जाते हैं। वैम्पायर बैट ज्यादातर सोए हुए जानवरों के पास रेंगता है। वैम्पायर बैट्स एकान्त शिकारी होते हैं।
वैम्पायर चमगादड़ का संभोग कैसा होता है ?
वैम्पायर चमगादड़ साल भर संभोग करते हैं और छोटे उष्णकटिबंधीय चमगादड़ की अन्य प्रजातियों की तुलना में काफी लंबी गर्भधारण अवधि के लिए जाने जाते हैं। 3 से 4 महीने के बीच, मादा वैम्पायर बैट एक एकल बच्चे को जन्म देती है, जिसकी वह 3 से 5 महीने की उम्र में दूध छुड़ाने तक उसकी देखभाल करती है। स्तनधारियों की तरह युवा चमगादड़ अपनी मां के दूध पर तब तक आश्रित होते है जब तक कि उन्हें वयस्क आहार का उपभोग करने की आदत नहीं लग जाती है। महिला वैम्पायर चमगादड़ बहुत देखभाल करने वाली मां लगती हैं। ये साथ रहने वाले उन शिशु चमगादड़ों की भी देख भाल करते हैं जिनके मां जीवित नहीं हैं। वैम्पायर चमगादड़ 12 साल तक जीवित रह सकते हैं।
वैम्पायर चमगादड़ कैसे शिकार करते हैं ?
वैम्पायर चमगादड़ भोजन की तलाश के क्रम में इकोलोकेशन, ध्वनि और गंध का उपयोग करते हैं। वैम्पायर चमगादड़ भोजन करते समय कुछ सावधानी भी बरतते हैं। ये जानवरों के शरीर पर उतरने से पहले उसके आस पास रेंगते हैं, जहां वे अपनी गर्मी-संवेदी नाक की बदौलत त्वचा की सतह के करीब नसों का सटीक पता लगाते हैं। इसके बाद ये जानवर पर हमला बोल देते है। वैम्पायर बैट की लार में मौजूद रसायन से खून जम नहीं पाता है। ये जानवरों को काटने से पहले उसके आसपास की त्वचा को सुन्न कर देते हैं।
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