जोसेफ स्टालिन स्टालिन(Joseph Stalin) एक तानाशाह क्रांतिकारी के रूप में प्रसिद्ध है जिनके राजनीतिक बदलाव में हिंसात्मक तरीकों का इस्तेमाल किया गया जिसके परिणामस्वरूप 2 करोड़ से अधिक रूसी लोगों की मौत हुई। इस रक्त रंजित बदलाव में स्टालिन ने कृषि प्रधान समाज को एक सशक्त औद्योगिक महाशक्ति के लिए बदल दिया। लेकिन इस बदलाव को हिंसा और आतंक की कलम से लिखा गया।
जोसेफ स्टालिन का जन्म 18 दिसंबर 1879 को जॉर्जिया में हुआ था। इनके बचपन के बारे में कई कहानियां प्रचलित है जिसमें इनके साथ किए गए दुर्व्यवहार और शोषण का जिक्र है। स्टालिन की छात्र राजनीति भी बेहद चर्चा में रही। उस समय रूसी जार निकोलस की राजशाही का अत्याचार शोषण का केंद्र बिंदु था जिसका प्रखर विरोध कर स्टालिन अपने लोगों में चर्चित हो गए। यही से इनके परिचित, जानने वाले इनके समर्थक के रूप में परिवर्तित होने लगे। साल 1901 में जोसेफ स्टालिन सामाजिक डेमोक्रेटिक लेबर पार्टी को जॉइन किए। फिर इन्होंने मजदूरों की परेशानी को आधार बना मजदूर हड़ताल को संयोजित किया। इन्होंने इस हड़ताल को रूस के अब तक के सबसे आक्रामक और क्रांतिकारी स्वरूप दिया।
शासन की तरफ से इनकी गिरफ्तारी भी की गई लेकिन एक नेतृत्व के रूप में इनकी पहचान मजबूत हुई। स्टार्लिन ने क्रमिक गति से बेहद आक्रमक और हिंसक तरीके से ज़ार की अगुवाई वाली रूसी सरकार से बगावत किया। परिणामस्वरूप साल 1917 तक जनता में जार के खिलाफ आक्रोश इतना व्यापक हो गया कि यह आक्रोश रूसी क्रांति में बदल गयी। इस आंदोलन में इन्होंने नए सोवियत शासन के जार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया।
जोसेफ स्टालिन ने कम्युनिस्ट पार्टी के अंदर अपनी पकड़ मजबूत की
साल 1922 में, स्टालिन कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव बनाए गए। जिसके बाद पार्टी के सदस्यों की नियुक्ति करने में स्टालिन् का हस्तक्षेप बढ़ गया। इसके बाद स्टालिन ने पार्टी के अंदर भी अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश की और यहां भी अपने विरोधियों का सफाया किया। पार्टी पर अपनी पकड़ मजबूत करने और रूसी जार के प्रबल विरोधी वाली छवि बनाने के साथ ही स्टालिन सोवियत नेता व्लादिमीर लेनिन की मौत के बाद स् सोवियत नेता के रूप में उभर गए।
“आतंक के शासन” के नाम से जाना जाता है स्टालिन के कार्यकाल को
इतिहास में स्टालिन का कार्यकाल “आतंक के शासन” के रूप में प्रसिद्ध है। इसने अपने राजनीतिक विरोधियों को अपने रास्ते से हटाने के लिए हिंसा और आतंक का तरीका चुना। विरोधियों को धड़ल्ले से फांसी दी गई। इसने हर क्रूर रास्ते को ही चुना।
जोसेफ स्टालिन की “पंचवर्षीय योजनाओं” भी खौफ का दूसरा रूप
इसने रूस के लिए एक पंचवर्षीय योजना का प्लान तैयार किया जिसके तहत सभी नेताओं को रूस के तेजी से औद्योगिकीकरण करने को मजबूर किया। परिणामस्वरूप द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत तक रूस औद्योगिक और सैन्य के शक्ति के मामले में काफी हद तक सक्षम और आत्मनिर्भर हो गया।
लेकिन इसका दूसरा पक्ष यह भी रहा कि बेतरतीब औद्योगिक करण की होड़ में विशाल कृषि भूमि पर खेती बंद हो गई जिसके कारण लाखों रूसियों की भुखमरी से मौत हो गई।
स्टालिन का पूरा नाम जोसेफ़ स्टालिन था।
जोसेफ़ स्टालिन 1878-1953 सोवियत संघ का 1922 से 1953तक नेता था। स्टालिन का जन्म गोरी जॉर्जिया में हुआ था। वह एक क्रूर शाषक के रूप में जाना जाता है।
जोसेफ स्टालिन (1878-1953) 1929 से 1953 तक सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक (USSR) संघ के तानाशाह थे। स्टालिन के तहत, सोवियत संघ एक किसान समाज से एक औद्योगिक और सैन्य महाशक्ति में बदल गया था। हालाँकि, उसने आतंक से शासन किया, और उसके अपने ही लाखों नागरिक उसके क्रूर शासन के दौरान मारे गए।
स्टालिन का 1879 में एक शराबी मोची पिता और धोबी माँ के घर गरीबी की हालत में जन्म हुआ। स्टालिन को सात साल की उम्र में चेचक हो गया। उसके चेहरे पर चोट के निशान थे और बायाँ हाथ थोड़ा विकृत था। बचपन में उसे अन्य बच्चों द्वारा तंग किया जाता था, जबकि वह अपने पिता के हाथों मार भी खाता था।
एक असफल साम्राज्य की शुरुआत जोसेफ स्टालिन के नेतृत्व में शीत युद्ध की शुरुआत से होती है। स्टालिन को उम्मीद थी कि वह संयुक्त राज्य अमेरिका का विरोध किए बिना एक साम्राज्य का निर्माण कर सकता है। सोवियत नीति मुख्य कारक थी जिसने शीत युद्ध की उत्पत्ति में योगदान दिया।
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