उत्तर प्रदेश में राजनीति अब बड़ी दिलचस्प मोड़ पर आ चुकी है। दल बदलने का, गठबंधन में आने जाने का सिलसिला अब तेज हो चुका है। भाजपा, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी सहित कई मोर्चों से नेताओं का निकलना और शामिल होना जारी है। इस बीच भाजपा भी जाट नेताओं को एकजुट करने में लगी है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आरएलडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी (jayant chaudhary)को भाजपा गठबंधन में शामिल होने के लिए खुला आमंत्रण दिया है। खबर है कि अमित शाह ने लोकल स्तर के 200 जाट नेताओं के साथ मीटिंग की है। उसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए जयंत चौधरी को भाजपा गठबंधन में शामिल होने का निमंत्रण दिया है। हालांकि सार्वजनिक तरीके से निमंत्रण देने का अर्थ होता है कि बंद कमरे में बात का नहीं बनना। लेकिन अमित शाह ने इस तरह का बयान देकर जयंत चौधरी को मिलाने का आखिरी प्रयास किया है। लाजमी है जयंत चौधरी ने उनके आमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है।
आरएलडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी (jayant chaudhary)ने ट्वीट के जरिए कहा है कि भाजपा पहले उन 700 किसान परिवारों को शामिल होने का न्योता दे जिनका घर उजाड़ चुका है। कृषि कानून के विरोध में आयोजित आंदोलन के दरम्यान लगभग 700 किसानों की मौत चुकी है।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने जयंत चौधरी को शामिल होने का निमंत्रण दिया है। जयंत चौधरी ने ट्वीट कर कहा कि घर बुलाने का न्योता मुझे नहीं, उन 700 से ज्यादा किसान परिवारों को दें जिनके घर उजाड़ दिए।
आरएलडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने किसानों के साथ-साथ छात्रों का भी मुद्दा उठाया है। अभी प्रयागराज सहित कई जगहों में पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया है जिसमें कई छात्र घायल हो चुके हैं। उन्होंने लिखा है कि छात्रों के साथ पुलिसिया हिंसा देश के भविष्य पर प्रहार है।
उन्होंने ट्वीट किया कि कृषि आंदोलन के दौरान किसानों पर हुए अत्याचार को भुलाया नहीं जा सकता है।
खबर हुई है कि बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा के घर जाट समुदाय के साथ अमित शाह की मीटिंग हुई है जिसमें 200 से ज्यादा जाट नेता शामिल हुए हैं। इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि जयंत चौधरी के लिए बीजेपी के दरवाजे हमेशा खुले हैं।
jayant chaudhary ने दिया अमित शाह को करारा जवाब
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि जयंत चौधरी ने गलत दरवाजा खटखटाया है, गलत राह चुनी है। इस पर पलटवार करते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि हमने गलत राह नहीं चुनी है। उन्होंने ट्वीट किया है कि चुनाव में किसान वोट के जरिए बीजेपी को सबक सिखाने के लिए तैयार चुके हैं।
यहां जाट समुदाय अपनी राजनीति शक्ति को भलीभांति समझते हैं। जाटों ने आरक्षण और भूतपूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की मांग की आवाज उठाई है।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में जाट समुदाय की बड़ी भूमिका है। जाट समाज का वोट राज्य के जीत और हार को तय करती है। राज्य के 113 विधानसभा सीटों पर जाट समुदाय के वोट निर्णायक होता है। यही कारण है कि यह माना जाता है कि उत्तर प्रदेश में जाट समुदाय एकजुट हो कर जिस पार्टी को वोट करे दे उसकी जीत तय मानी जाती है। इसलिए अमित शाह जयंत चौधरी को रिझाने का प्रयास कर रहे हैं।
चौधरी जयंत सिंह का जन्म 27 दिसंबर 1978 में हुआ । विदेश में उच्च शिक्षा हासिल की। एक उभरते हुए राहनेता हैं उनकी पार्टी Rashtriya Lok Dal है। वे 2009-2014 तक मथुरा से भरतीय संसद के सदस्य भी रहे हैं ।
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