ब्रिटेन की राजनीति में रोचक बदलाव होने के संकेत हैं। ऐसा हो सकता है कि नारायणमूर्ति के दामाद ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री बन सकते हैं। यह इस लिए भी रोचक खबर है कि जिस ब्रिटेन ने सदियों तक भारत को गुलाम बनाए रखा अब उसी देश का प्रधानमंत्री कोई भारतीय मूल का ब्रिटिश बनने जा रहा है।
ब्रिटेन के युवाओं के हीरो बने नारायणमूर्ति के दामाद ऋषि सुनक
ब्रिटेन की राजनीति की समझ रखने वाले इस बात की अब बड़े जोर शोर से चर्चा कर रहे हैं कि ऋषि सुनक वहां के प्रधानमंत्री बन सकते हैं। दअरसल, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन इन दिनों अपनी जनता के आक्रोश का शिकार हैं। कोविड महामारी के कारण पैदा हुई वित्तीय संकट औऱ स्वास्थ्य सेवा की नाकामी के कारण वो जनता के आक्रोश का शिकार हैं। इस बीच उन्होंने एक भोज समारोह का भी आयोजन किया था जिससे उनकी आलोचना हो रही है। उनके पार्टी के अंदर भी उनका विरोध हो रहा है। इसलिए हो सकता है कि उन्हें अपना पद छोड़ना पड़े।
41 वर्षीय ऋषि सुनक भारत के प्रतिष्ठित उद्योगपति नारायणमूर्ति के दामाद है जो ब्रिटिश नागरिक बन चुके हैं। वर्तमान में वो जॉनसन सरकार में वित्त मंत्री (Chancellor of the Exchequer) हैं। सुनक साल 2015 में पहली बार कंजरवेटिव पार्टी के सांसद बने थे। ब्रिटेन की आर्थिक नीतियों में उनकी भूमिका थिंक टैंक की है। वो साल 2018 में वित्त मंत्री बने। फिर साल 2019 में ट्रेजरी का चीफ सेक्रेटरी बनाया गया।
ब्रिटेन के वर्तमान प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के चुनाव प्रचार में बड़ी भूमिका निभाने वाले ऋषि सुनक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र, दर्शनशास्त्र और राजनीति में ग्रेजुएट हैं।
बोरिस जॉनसन के सबसे चहेते मंत्री हैं ऋषि सुनक
राजनीति में आने के महज पांच साल में बोरिस जॉनसन ने उनको चांसलर बनाया तो लोगों को ऋषि के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी लेकिन महज दो सालों में ऋषि ब्रिटेन के युवाओं में ऐसे पॉपुलर हुए कि यहां के युवा अब ऋषि को कंजर्वेटिव पार्टी के उभरते सितारे के तौर पर देखते हैं।
भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक ऋषि सुनक प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के सबसे चहेते मंत्री हैं। सरकार के अर्थ व्यवस्था में इनके नीतियों को सरकारी अहमियत मिलती है। सबसे बड़ी बात है कि राजनीति में आने के महज पांच साल में बोरिस जॉनसन ने उनको चांसलर बना दिया था। वर्तमान में ऋषि कंजर्वेटिव पार्टी के उभरते नेतृत्व बन चुके हैं।
बड़े पैमाने पर आर्थिक मदद के पैकेज की घोषणा की
ऋषि को रोजगार की सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर आर्थिक मदद के पैकेज की घोषणा करनी पड़ी, साथ ही इस कोविड के दौर में मंहगाई को काबू में रखना एक बड़ी चुनौती साबित हुई। इस बीच ऋषि सुनक के एक बयान ने उन्हें यहां के नौजवानों का हीरो बना दिया जब उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को महज बिल का भुगतान करने वाली जनता के तौर बड़ा नहीं किया जा सकता। उनके लिए और बेहतर सोचना होगा और हमारी सरकार ऐसा करेगी।
ऋषि सुनक की पत्नी का नाम अक्षता है और वह इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद हैं।
यूरोपीय संघ से बाहर होने में जो रणनीति पूर्व प्रधानमंत्री थेरेसा मे की थी उसका विरोध कर बोरिस जॉनसन की नीतियों का समर्थन कर वो बोरिस के भी चहेते सांसद हैं और इसी का परिणाम है कि बोरिस जॉनसन ने बजट से पहले ऋषि सुनक को वित्त मंत्रालय जैसा बड़ा मंत्रालय सौंपा जिसे ब्रिटेन में तीसरा बड़ा मंत्रालय माना जाता है।
ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले हिन्दू चांसलर बने है। साल 2020 को इन्हें चांसलर बनाया गया था।कहा जाता है कि सुनक ने भगवद्गीता पर हाथ रखकर एक सांसद के तौर पर निष्ठा की शपथ ली थी।
एक तरफ जहां ऋषि सुनक दीवाली के दीए से लोगों में नियमों का पालन की अपील कर रहे थे वहीं उनके प्रधानमंत्री, डोमिनिट कमिंग्स के पतन का जश्न मनाने के लिए पार्टी कर रहे थे। बात ज्यादा दिनों तक छुपी नहीं रही और बाहर आ गई। पहले विरोधियों ने मुद्दा बनाया फिर पार्टी के भीतर भी इस बात पर विरोध होने लगा। नियमों के तोड़ने का आरोप लगा और बाद में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने जब इसे स्वीकार किया तो ये मामला “पार्टीगेट” स्कैंडल में तब्दील हो गया।
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