भाजपा(BJP) के हिंदुत्ववादी राजनीति में जितना महत्व रामजन्म भूमि का है उतना ही महत्व गाय की भी है। भाजपा गौ-हत्या तथा गौ-मांस की ब्रिकी पर बैन लगाने के लिए आंदोलन की है और कानून भी बनाई है। देश में तो गाय की तस्करी, गौ मांस की बिक्री के नाम पर मॉब लॉन्चिंग तक हो जाती है। अल्पसंख्यक समुदाय हमेशा निशाने पर रहता है।
लेकिन भाजपा गोवा में गौ-मांस की ब्रिकी पर रोक लगाने वाली राजनीति क्यों नहीं करती? गोवा में भाजपा के हिंदुत्व में गाय का उतना महत्व क्यों नहीं है जितना उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात आदि राज्यों की राजनीति में है।
इसका कारण है गोवा की ईसाई आबादी। यहां की जनसंख्या का 28 प्रतिशत आबादी ईसाई है। हिंदूओ की जनसंख्या 68 प्रतिशत है। ईसाई आबादी भाजपा को भी वोट देती है। गोवा में पर्यटन का विशेष महत्व है। यहां देश विदेश के पर्यटक घूमने आते हैं। उनके खाने में गौ मांस परोसा जाता है।
गौ मांस पर प्रतिबंध लगाने से यहां की हिन्दू औऱ ईसाई जनसंख्या दोनों प्रभावित हो सकती है। इसलिए भाजपा(BJP) यहां गाय को मुद्दा नहीं बनाती है। हालांकि पड़ोसी राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक में गौ-मांस पर पूर्ण प्रतिबंध लगने से गोवा में मांस आपूर्ति में कठिनाई हो रही है।
गौ-हत्या पर प्रतिबंध की राज्यवार स्थिति
गौ-हत्या पर पूरे प्रतिबंध का मतलब होता है कि गाय, बछड़ा, बैल और सांड की हत्या पर पूर्ण रोक।
गौ-हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध देश के मात्र 11 राज्यों में है। भारत प्रशासित कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महराष्ट्र, छत्तीसगढ़, और दो केन्द्र प्रशासित राज्यों – दिल्ली, चंडीगढ़ में पूर्ण प्रतिबंध लागू है।
गौ-हत्या कानून के उल्लंघन पर सबसे कड़ी सजा भी इन्हीं राज्यों में तय की गई है। हरियाणा में एक लाख रुपए का जुर्माना और 10 साल की जेल, महाराष्ट्र में 10,000 रुपए तथा पांच साल की जेल की सजा का प्रावधान है। हालांकि छत्तीसगढ़ के अलावा इन सभी राज्यों में भैंस के काटे जाने पर कोई रोक नहीं है।
देश मे 8 राज्यों में गौ हत्या पर आंशिक प्रतिबंध लगा हुआ है। इनमें बिहार, झारखंड, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, गोवा शामिल है। इसी तरह चार केंद्र शासित राज्यों – दमन और दीव, दादर और नागर हवेली, पांडिचेरी, अंडमान ओर निकोबार द्वीप समूह में भी आंशिक प्रतिबंध लागू है।
वही देश के 10 राज्यों में गौ हत्या पर कोई प्रतिबंध नहीं है। केरल, पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम और एक केंद्र शासित राज्य लक्षद्वीप में गौ-हत्या पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
असम और पश्चिम बंगाल में ‘फिट फॉर स्लॉटर सर्टिफिकेट’ प्राप्त पशुओं को काटा जा सकता है। 14 साल से अधिक उम्र वाले या जिस में प्रजनन की शक्ति न बचे वैसे पशुओं को फिट फॉर स्लॉटर सर्टिफिकेट’ दिया जाता है।
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